पवन सारस्वत मुकलावा

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एकनाथजी रानाडे: एक कर्मयोगी, जिन्होंने संघ से लेकर विवेकानंद स्मारक तक राष्ट्र सेवा का मार्ग प्रशस्त किया
Fri Aug 22 2025 | 4:59:58 AM
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“जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत!” “एक लक्ष्य अपनाओ। उस लक्ष्य को ही अपना जीवन कार्य समझो, उसी को सोचो, उसी के सपने देखो और उसी के सहारे जीवित रहो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, स्नायु और शरीर के प्रत्येक भाग को उसी विचार से ओतप्रोत होने दो। दूसरे सब विचारों को अपने से दूर रखो। यही सफलता का रास्ता है।” - स्वामी विवेकानंद




यह स्वामी विवेकानंद का वह अध्य


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स्थितप्रज्ञ: माणक जी भाईसाहब का तपस्वी जीवन
Wed Jul 30 2025 | 10:25:48 AM
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं पाथेय कण के पूर्व संपादक पर श्रद्धांजलि लेख


“शोक में रोता नहीं और हर्ष में हँसता नहीं जो,

राष्ट्र की दृढ़ नींव का पाषाण बनना है हमें तो।”


आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक, पाथेय कण के पूर्व संपादक और हजारों स्वयंसेवकों के जीवन प्रेरक माननीय माणकचंद जी भाईसाहब का देहावसान हो गया। वे 83 वर्ष के थे। अपने 60 वर्षों से अधिक के प्रचारक जीवन में उन्होंने जिस साधना, समर्पण और सौम्यता से कार्य किया, वह उ


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